महाराणा प्रताप का महल, जिसे कुंभलगढ़ किला के नाम से भी जाना जाता है, राजस्थान के राजसमंद जिले में स्थित है। यह महल महान योद्धा महाराणा प्रताप के जीवन और साहस का प्रतीक है। यह किला अरावली पर्वत श्रृंखला में बना हुआ है और समुद्र तल से 1,100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
कुंभलगढ़ किले की विशेषताएँ:
- किले की दीवारें – इस किले की दीवारें 36 किलोमीटर लंबी हैं, जो दुनिया की सबसे लंबी दीवारों में से एक मानी जाती हैं। इसे “भारत की महान दीवार” भी कहा जाता है।
- प्राचीन वास्तुकला – किले की संरचना मेवाड़ की राजपूताना वास्तुकला की उत्कृष्ट मिसाल है। इसे 15वीं शताब्दी में महाराणा कुम्भा ने बनवाया था, लेकिन इसका संबंध महाराणा प्रताप से गहरा है, क्योंकि यह उनका जन्मस्थान है।
- बदलगढ़ महल – किले के भीतर स्थित बदलगढ़ महल वह स्थान है जहाँ महाराणा प्रताप का जन्म हुआ था। यह महल आज भी इतिहास प्रेमियों और पर्यटकों को आकर्षित करता है।
- किला परिसर – कुंभलगढ़ किले में 300 से अधिक मंदिर हैं, जिनमें से 60 हिंदू मंदिर हैं और शेष जैन धर्म के मंदिर। यह जगह ऐतिहासिक और धार्मिक महत्त्व का केंद्र रही है।
ऐतिहासिक महत्त्व:
कुंभलगढ़ किला महाराणा प्रताप की बहादुरी और स्वाधीनता की लड़ाई के लिए भी जाना जाता है। जब मुगल सेना ने चित्तौड़ पर कब्जा कर लिया था, तो कुंभलगढ़ किला मेवाड़ राजवंश की दूसरी राजधानी के रूप में उभरा।
कुल मिलाकर, महाराणा प्रताप का महल उनके अदम्य साहस, स्वतंत्रता प्रेम और राजपूताना संस्कृति का प्रतीक है, और यह आज भी उन मूल्यों का अनुसरण करता है जिनके लिए वे जाने जाते हैं।
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